सरल साधुता की तरह कोई चतुराई नहीं;--जो जैसा भी क्यों न हो, इस फंदे में पड़ेगा ही।
Honesty is the best policy (सरल साधुता ही है चरम कौशल)।
विनय के समान सम्मोहनकारी दूसरा कुछ भी नहीं।
प्रेम के समान आकर्षणकारी ही और क्या है ?
विश्वास के समान दूसरी सिद्धि नहीं।
ज्ञान के समान दूसरी दृष्टि नहीं।
आतंरिक दीनता के समान अहंकार को वश करने का दूसरा कुछ भी नहीं।
सद् गुरु के आदेश पालन के समान दूसरा मंत्र क्या है ?
चलो, आगे बढो, रास्ते को सोचकर ही क्लांत मत हो जाओ, नहीं तो जा नहीं पाओगे।
--: श्री श्री ठाकुर, सत्यानुसरण
1 comment:
bahut sahi likha aapne
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