Friday, 14 November 2008

सत्यानुसरण 47

जो पहले कूद पड़ा है; जिसने पहले पथ दिखाया है, वही नेता है। नहीं तो केवल बातों से क्या नेता बना जा सकता है?
पहले दूसरों के लिये यथासर्वस्व ढालो, दस के लिये जान-प्राण दे दो और किसी का दोष कहकर दोष देखना भूल जाओ, सेवा में आत्महारा होओ, तभी नेता हो, तभी देश के हृदय हो, तभी देश के राजा हो। नहीं तो वे सब केवल बातों से नहीं होते।
यदि नेता बनना चाहते हो तो नेतृत्व का अहंकार त्याग करो, अपना गुणगान छोड़ दो, दूसरे के हित के लिये यथासर्वस्व दाँव पर लगा दो, और जो मंगल एवं सत्य हो स्वयं वही करके दिखाओ, और, सभी से प्रेम के साथ बोलो; देखोगे हजारों-हजार लोग तुम्हारा अनुसरण करेंगे।
--: श्री श्री ठाकुर, सत्यानुसरण

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