Tuesday, 11 November 2008

सत्यानुसरण 45

अहंकार से ही आसक्ति आती है; आसक्ति से आती है अज्ञानता; और अज्ञानता ही है दुःख।
संदेह से ही अविश्वास आता है; और, अविश्वास ही है जड़त्व।
आलस्य से ही मूढता आती है; और मूढ़ता ही है अज्ञानता।
बाधाप्राप्त काम ही है क्रोध; और, क्रोध ही है हिंसा का बन्धु।
स्वार्थबुद्धि की आत्मतुष्टि का अभिप्राय ही है लोभ; और, यह लोभ ही है आसक्ति। जो निर्लोभ है वही है अनासक्त।
--: श्री श्री ठाकुर, सत्यानुसरण